कभी एकीकृत बिहार और अब झारखंड का गौरव कहा जानेवाला नेतरहाट आवासीय विद्यालय नामांकन घोटाले को लेकर चर्चा में है। कुल 100 सीटों के लिए हुई प्रवेश परीक्षा में 48 बच्चे फर्जी तरीके से परीक्षा पास किया है। जिसका प्रमाण झारखंड एकेडमिक काउन्सिल को मिला है। इन 48 बच्चों में से राँची के 37 और बोकारो के 11 बच्चे है।
प्रवेश परीक्षा के प्रकाशित परिणाम में से कुल ग्यारह छात्र कुर्मीडीह होली पब्लिक स्कूल के ही चयनित हो गए। इसमें कई छात्र रांची में रहते थे लेकिन नेतरहाट प्रवेश परीक्षा कुर्मीडीह होली पब्लिक स्कूल से दी। मामले पर अधिविद्य परिषद की नजर पड़ी व जांच का सिलसिला चल पड़ा। जब परिषद के संयुक्त सचिव ए के मल्लिक विद्यालय पहुंचे तो सब कुछ साफ हो गया कि चयनित छात्रों में से एक भी इस विद्यालय के नहीं हैं। न ही प्रधानाध्यापक ने उनका फार्म अग्रसारित कराया है। ऐसे में परिषद ने 18 अगस्त को सभी उत्तीर्ण छात्रों एवं प्रधानाध्यापक को परिषद कार्यालय में मूल प्रमाण पत्रों के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
विभिन्न छात्र संगठन प्रतिनिधियों ने गुरुवार को जिला शिक्षा प्रबंधन से भ्रष्टाचार मिटाने का संकल्प लिया। रांची विवि के जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा विभाग में हुई बैठक में एनएसयूआई, जेसीएम, जेसीएस, जेवीसीएम, आजसू व आमसा के प्रतिनिधियों ने कहा कि नेतरहाट नामांकन घोटाले का केंद्र जिला शिक्षा कार्यालय है।छात्र नेताओं ने डीईओ कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों की संपत्ति की जांच कराने की भी मांग की।
झारखंड एकेडमिक काउन्सिल ने सभी 48 बच्चों के नामांकन को रद्द करने का फैसला किया है । झारखंड एकेडमिक काउन्सिल का मानना है कि इस घोटाले में कई पदाधिकारी के साथ साथ विद्यालय के प्रिंसिपल दोषी है। काउन्सिल को यह भी आशंका है कि नामांकन घोटाला काफी पहले से चलता आ रहा है। जैप ने इसकी जाँच कराने का भी निर्णय लिया है।
प्रवेश परीक्षा के प्रकाशित परिणाम में से कुल ग्यारह छात्र कुर्मीडीह होली पब्लिक स्कूल के ही चयनित हो गए। इसमें कई छात्र रांची में रहते थे लेकिन नेतरहाट प्रवेश परीक्षा कुर्मीडीह होली पब्लिक स्कूल से दी। मामले पर अधिविद्य परिषद की नजर पड़ी व जांच का सिलसिला चल पड़ा। जब परिषद के संयुक्त सचिव ए के मल्लिक विद्यालय पहुंचे तो सब कुछ साफ हो गया कि चयनित छात्रों में से एक भी इस विद्यालय के नहीं हैं। न ही प्रधानाध्यापक ने उनका फार्म अग्रसारित कराया है। ऐसे में परिषद ने 18 अगस्त को सभी उत्तीर्ण छात्रों एवं प्रधानाध्यापक को परिषद कार्यालय में मूल प्रमाण पत्रों के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
विभिन्न छात्र संगठन प्रतिनिधियों ने गुरुवार को जिला शिक्षा प्रबंधन से भ्रष्टाचार मिटाने का संकल्प लिया। रांची विवि के जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा विभाग में हुई बैठक में एनएसयूआई, जेसीएम, जेसीएस, जेवीसीएम, आजसू व आमसा के प्रतिनिधियों ने कहा कि नेतरहाट नामांकन घोटाले का केंद्र जिला शिक्षा कार्यालय है।छात्र नेताओं ने डीईओ कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों की संपत्ति की जांच कराने की भी मांग की।
झारखंड एकेडमिक काउन्सिल ने सभी 48 बच्चों के नामांकन को रद्द करने का फैसला किया है । झारखंड एकेडमिक काउन्सिल का मानना है कि इस घोटाले में कई पदाधिकारी के साथ साथ विद्यालय के प्रिंसिपल दोषी है। काउन्सिल को यह भी आशंका है कि नामांकन घोटाला काफी पहले से चलता आ रहा है। जैप ने इसकी जाँच कराने का भी निर्णय लिया है।
...तो यह सब यहां हो रहा है!...सार्थक रचना!
ReplyDelete..जन्माष्टमी की बहुत बहुत बधाई!...ढेरों शुभ-कामनाएं!
मुझे नही लगता कि भारत मे कोई संस्थान बिना घोटाले के हो। आभार इस जानकारी के लिये।
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